Sunday, 21 April 2013

मोरी प्यासी बंद नजरिया रे …॥

राधा पागल मीरा पागल
गोकुल की हर बाला पागल
मोरे प्यारे घनश्याम तोहे
दिखत नाही मोरा जिया रे
श्याम कन्हैया तोरी दर्शन को
प्यासे मोरे दो नैना रे …॥ धृ ॥

जनम मरण  के सागर मे
जीवन की बल्खाती नैया रे
देखू जहां जहां सफर मे
दुजा रंग ना पायो रे  
श्याम कन्हैया तोरी दर्शन को
प्यासे मोरे दो नैना रे …॥ १ ॥

रुठे कोई जग मे तोहरे
देवकी जसोदा मैय्या रे
देखत भागे जाय त्वरित हो
हमसे काहे रुठा रे
श्याम कन्हैया तोरी दर्शन को
प्यासे  मोरे दो नैना रे …॥ २ ॥



रात रात भर जागे नाचे
गोपियोन्के बीच कान्हा रे
काहे दोस्त की याद मे
हर पल बीते तोहरा रे
श्याम कन्हैया तोरी दर्शन को
प्यासे  मोरे दो नैना रे …॥ ३ ॥

हसो हमेशा मुझे देख
हम देख न किसको पायो रे
नजर हमारी चुराकर
तुम खूब रंग दिखायो रे
श्याम कन्हैया तोरी दर्शन को
प्यासे मोरे दो नैना रे …॥ ४ ॥


तोहरी मुरली कि धून पे
मोरा जिया डोले जायो रे
मोरे नजर के सामने हमेशा
मुरलीधर हसैय्यो रे
श्याम कन्हैया तोरी दर्शन को
प्यासी बंद नजरिया रे…॥
मोरी प्यासी बंद नजरिया रे …॥ ५ ॥
 - Oms
22-4-2013







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