Sunday, 2 February 2014

नजरें.....

नज़र ये बड़ी क़ातिल हैं तेरी
ये दिल तो कबका चिर गया
घांव तो काफ़ी गेहेरा था मगर
मैं नजरें हटाना भूल गया !!!

वार हुआ था उन नजरोंसे
जो कभी झुकीसी हुआ करती थी
प्यार हुआ था उन पलकोंसे
जो उन नजरोंको झुकाया करती थी !!!

हम तो युही उन नजरोंसे
कभी खुद्कोही चुराया करते थे
चोरी तो ये दिल होता था
हम तो नजरोंको ताकतें रहते थे !!!

- Oms

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